तू तो एक सपनों का खिलाड़ी था शातिर। तू तो एक सपनों का खिलाड़ी था शातिर।
कल सुना पाओ कुछ अपनों को ,आज गढ़ लो कुछ किस्से सपनों के कल सुना पाओ कुछ अपनों को ,आज गढ़ लो कुछ किस्से सपनों के
यहाँ मशगूल अपनों में हैं, लोग घूमते सपनों में हैं ! यहाँ मशगूल अपनों में हैं, लोग घूमते सपनों में हैं !
जरा सी नजर हटी तो खेल खत्म। जरा सी नजर हटी तो खेल खत्म।
शुरू हुआ ना जिसका जीवन उनसे क्या बैर निभाते हो ? शुरू हुआ ना जिसका जीवन उनसे क्या बैर निभाते हो ?
देखो ऐसे ऐसे भी होते है सबके अपने राम। देखो ऐसे ऐसे भी होते है सबके अपने राम।